स्वयं को केंद्रित करने की क्रियाएँ (अपना दिमाग चलाएँ)


 


क्रियाशीलता में ही बुद्धिमत्ता है. बच्चों को बड़े होने के साथ-साथ बुद्धिमत्ता पाने के करना चाहिए.


पुरातन काल से ही बुद्धिमत्ता के महत्व को बताया गया है. आज के युग में इसकी आवश्यकता सबसे अधिक है. संभावनाओं पर कार्य करते रहना बुद्धिमत्ता प्राप्त करने का सीधा रास्ता है. इस बात को समझाने के लिए मैं एक छोटी सी कहानी सुनाता हूँ


एक बार, एक आदमी समुद्र तट पर चल रहा था. थोड़ी दूरी पर उसने एक और आदमी को देखा जो समुद्र तट और लहरों के बीच कभी आगे तो कभी पीछे जा रहा था. उसने देखा की लहरों के आने और जाने से हजारों स्टारफिश (मछलियाँ) रेत पर इधर-उधर असहायसी बिखरती जा रही हैं.


वह आदमी इस तरह लहरों के आनेजाने को निरर्थक समझ रहा था. वहाँ पड़ी हुई मछलियों में से बहुत सारी मछलियाँ जरूर मर गई होंगी. यह सोचकर जैसे ही वहाँ पहुँचा, उसने देखा कि वह आदमी एक-एक करके उन सारी मछलियों को फिर से समन्दर में फेंक रहा था.


उस आदमी ने पूछा, 'यह समुद्र तट मीलों दूर तक मछलियों से भरा पड़ा है. तुम्हारे कुछ मछलियों को पानी में फेंक देने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. वह आदमी नीचे झुका, फिर से एक मछली उठाई और बोला, 'लेकिन उन मछलियों को जरूर फर्क पड़ेगा!'


क्रियाशीलता में ही बुद्धिमत्ता है. बच्चों को बड़े होने के साथ-साथ बुद्धिमत्ता पाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.


'स्वयं को केंद्रित करने की क्रियाएँ पस्तक में हम बच्चों को अपनी भावनाओं को पहचानने तथा खुद को समझने के लिए उत्साहित करते हैं. हम बच्चों को जागरुकता के साथ सफल होने के अवसर तलाशने और उनके अनुसार कार्य करते हुए ज्ञान व बुद्धिमत्ता पाने के मार्ग को प्रशस्त करते हैं.



शांत:


मेरे लिए इस शब्द का अर्थ है--------------------


क्या है जो मुझे शांत करता है---------------------


जब मैं शांत होता हूँ तो ऐसा दिखता हूँ.


उदास:


मेरे लिए इस शब्द का अर्थ है--------------------


क्या है जो मुझे उदास करता है-------------------


जब मैं उदास होती हूँ तो ऐसी दिखती हूँ.


गुस्सा:


मेरे लिए इस शब्द का अर्थ है:----------------------


क्या है जो मुझे गुस्सा करता है-----------------------


जब मैं गुस्सा होता हूँ तो ऐसा दिखता हूँ.